Rajasthan Re-polling की तैयारियों की समीक्षा— मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 6 जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की

जयपुर। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने अधिकारियों से कहा कि राजस्थान विधानसभा की 6 रिक्त सीटों पर होने वाले उप चुनाव की अग्रिम तैयारियां समय से पहले सुनिश्चित करें। महाजन आगामी चुनावों के मद्देनजर स्थानीय स्तर तक तैयारियों के लिए बुधवार को निर्वाचन विभाग के मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों सहित सम्बंधित सभी 6 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, उप जिला निर्वाचन अधिकारियों, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और रिक्त विधानसभा सीटों के रिटर्निंग अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
युवाओं के नाम जोड़ने के लिए शिक्षण संस्थाओं में प्रचार—
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया का फोकस नव मतदाता पर होना चाहिए। इसके लिए विश्वविद्यालयों, कॉलेजों सहित उच्च शिक्षण संस्थाओं में वोटर हेल्पलाइन एप (वीएचए) को प्रचारित करें। साथ ही, युवा मतदाताओं के बीच इस तथ्य का भी व्यापक प्रचार-प्रसार करें कि मतदान करने के लिए मतदाता सूची में नाम होना आवश्यक है, मतदाता पहचान-पत्र (एपिक) नहीं होने अथवा सूची में नया नाम जुडने पर पहचान-पत्र जारी नहीं होने की स्थिति में भी 12 वैकल्पिक पहचान दस्तावेजों में से किसी एक की सहायता से मतदान किया जा सकता है।
होम वोटिंग सुविधा पर विशेष फोकस—
बैठक में बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार उपलब्ध करवाई जाने वाली होम वोटिंग की सुविधा को अधिक व्यापक बनाने पर जोर दिया। मतदान में सभी की भागीदारी बढ़ाने के क्रम में जरूरी है कि घर-घर सर्वे के दौरान भी होम वोटिंग के संदर्भ में प्रचार-प्रसार किया जाए। जिला और विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी इस तथ्य पर ध्यान दें कि ऐसे बुजुर्ग अथवा दिव्यांग मतदाता हो सकते हैं, जिन्होंने पिछले विधानसभा या लोकसभा चुनाव के दौरान होम वोटिंग के विकल्प को नहीं चुना हो लेकिन इस बार वे इस सुविधा का उपयोग करना चाहें। ऐसे मतदाताओं को होम वोटिंग के लिए विकल्प अवश्य दिया जाना चाहिए।
सहायक मतदान केन्द्रों का गठन—
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार संबंधित 6 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान केंद्रों के आवश्यकता अनुरूप गठन के प्रस्ताव समय से पूर्व तैयार करने के निर्देश दिए। जरूरत होने पर नए मतदान केंद्र के लिए आयोग के निर्देशों के अनुरूप भवन सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान कर उनके लिए विशेष संसाधनों और अन्य जरूरतों की पूर्ति सुनिश्चित की जाए।
ईवीएम मशीनों की जांच—
बैठक में निर्वाचन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उपचुनाव के लिए ईवीएम मशीनों की प्रथम स्तरीय जांच (एफ़एलसी) पांच जिलों में पूर्ण हो चुकी है, जबकि सलूंबर विधानसभा के लिए उदयपुर वेयर हाउस में जांच चल रही है, जो 30 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी। जिला स्तर पर मीडिया सेल के साथ-साथ सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को भी सक्षम बनाने और कंट्रोल रूम में प्राप्त शिकायतों के प्रभावी एवं समयबद्ध निष्पादन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।