राजस्थान : 2 अक्टूबर को 11 हजार से ज्यादा पंचायतों में एक साथ बांटे जाएंगे पट्टे
राजस्थान सरकार ने प्रदेश के बेघर और घुमंतू परिवारों को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के 45 हजार से अधिक गांवों में बेघर परिवारों को 300 वर्ग गज तक के प्लॉट दिए जाएंगे। इसके लिए तैयारियां तेजी से की जा रही हैं, और 2 अक्टूबर को 11,341 ग्राम पंचायतों में एक साथ पट्टे बांटे जाएंगे।
अभियान की शुरुआत और पात्रता की शर्तें
राजस्थान पंचायती राज विभाग के आयुक्त और सचिव, रवि जैन ने सभी जिला परिषद सीईओ को इस अभियान में तेजी से काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं। यह योजना केवल बेघर, घुमंतू और खानाबदोश परिवारों के लिए लागू होगी, जो गांवों में झुग्गियों में रहते हैं और जिनके पास खुद का कोई आवासीय भूखंड नहीं है। ऐसे परिवारों का विवरण हर ग्राम पंचायत से 22 अगस्त तक मांगा गया है, और आधार कार्ड नंबर के साथ उनकी पहचान की जाएगी।
प्लॉट की साइज और कीमत
पंचायती राज नियम, 1996 के नियम-158 के तहत, बेघर घुमंतू परिवारों को अधिकतम 300 वर्गगज तक के प्लॉट दिए जाएंगे। हालांकि, प्लॉट की साइज जमीन की उपलब्धता के अनुसार घटाई या बढ़ाई जा सकती है। यह प्लॉट रियायती दर (टोकन मनी) पर दिए जाएंगे, लेकिन रियायती दरों का निर्धारण अभी तक नहीं हुआ है।
आवेदन प्रक्रिया और समय सीमा
पंचायती राज विभाग ने हर गांव में 5 सितंबर तक बेघर परिवारों से आवेदन लेने की डेडलाइन तय की है। इसके बाद, 6 से 25 सितंबर तक ग्राम पंचायत की बैठक बुलाकर औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। आपत्तियों का निपटारा केवल 7 दिनों में किया जाएगा ताकि 2 अक्टूबर को पट्टे वितरण का काम पूरा किया जा सके।
स्थायी ठिकाने से मिलेगा लाभ
यह योजना उन घुमंतू परिवारों के लिए वरदान साबित होगी, जो अब तक स्थायी ठिकाने के अभाव में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे थे। प्लॉट मिलने के बाद ये परिवार पीएम आवास योजना के तहत मकान निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकेंगे।
राजनीतिक दृष्टिकोण
अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों को देखते हुए, इस अभियान को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राज्य सरकार इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ा लाभार्थी वोट बैंक तैयार करने की कोशिश कर रही है, जो चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
यह योजना राज्य के हजारों बेघर परिवारों के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर आई है, जो अब अपने स्थायी ठिकाने की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।