राजस्थान में खुलेंगे तीन फ्लाइंग स्कूल: भजनलाल कैबिनेट के अहम फैसले
जयपुर: राजस्थान में विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री भजनलाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक के बाद डिप्टी मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, राज्यवर्धन राठौड़ और जोगाराम पटेल ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये घोषणाएं की।
डॉ. बैरवा ने कहा कि राजस्थान को विकसित राज्य बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने उच्च शिक्षा में सुधार की दिशा में चूरू, स्कूल, कॉलेज और धोरीमन्ना के क्रमोन्नयन की जानकारी दी। साथ ही, राज्य को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए दो लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना पर चर्चा हुई। सौर ऊर्जा उत्पादन की नई तकनीक, जो अब तीन के बजाय ढाई एकड़ में संभव होगी, इसके लिए भी जमीन साढ़े 7 प्रतिशत डीएलसी रेट पर उपलब्ध कराई जाएगी।
कैबिनेट ने एविएशन पॉलिसी के तहत नई पहल की घोषणा की। जिनमें किशनगढ़, भीलवाड़ा और झालावाड़ में तीन नए फ्लाइंग स्कूलों की स्थापना शामिल है। यह कदम राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा। साथ ही, कोटा में एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट और जयपुर में एक एयरोसिटी की स्थापना का भी निर्णय लिया गया है। एयरोसिटी में होटल, कार्गो सेंटर और अन्य सुविधाएं शामिल होंगी, जो पर्यटन और व्यापार के लिए एक नया केंद्र बनेगा।
जोगाराम पटेल ने गांधी वाटिका संग्रहालय से जुड़े मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गांधी वाटिका न्यास अधिनियम को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, “रामराज की परिकल्पना में कोई कमी नहीं है। संग्रहालय गांधी वाटिका के नाम से काम करता रहेगा और जरूरत अनुसार नए कानून बनाए जाएंगे।”
राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि फ्लाइंग स्कूल्स के संचालन के लिए सरकार द्वारा निवेश किया जाएगा और स्कूल संचालकों को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य राजस्थान को एक प्रमुख एविएशन हब के रूप में विकसित करना है, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और राज्य की आर्थिक प्रगति को गति मिलेगी।”