भीलवाड़ा यूआईटी अब एसीबी के रडार पर: जमीनों के मुआवजे में बड़े घोटाले की जांच के लिए अजमेर से आई टीम, मचा हड़कंप
भीलवाड़ा (आशीष पाराशर)। भीलवाड़ा नगर विकास न्यास (यूआईटी) एक बार फिर विवादों में है। फर्जी भूखंड बांटकर मुआवजे के नाम पर करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में यूआईटी अब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के रडार पर है। एसीबी मुख्यालय ने अजमेर से विशेष टीम को भीलवाड़ा भेजा है, जो इस मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है। इस कार्रवाई से यूआईटी के कर्मियों और भू-माफियाओं में हड़कंप मच गया है।
पिछले कुछ वर्षों से जमीनों का फर्जी मुआवजा देकर लाखों-करोड़ों रुपए की हेराफेरी के आरोप यूआईटी पर लगे हैं। एसीबी को मिली शिकायतों के आधार पर अजमेर एसीबी के एएसपी भागचंद मीणा के नेतृत्व में रविवार को भीलवाड़ा एक टीम भेजी गई। इसके अतिरिक्त, भीलवाड़ा एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ब्रजराज सिंह भी अपनी टीम के साथ न्यास कार्यालय पहुंचे। एसीबी की टीम दस्तावेजों की जांच-पड़ताल में जुटी है और यूआईटी के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है।
एएसपी भागचंद मीणा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “एसीबी मुख्यालय से मिले निर्देशों के आधार पर हम शिकायत की जांच कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच के बाद रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।”
जांच के दौरान एसीबी टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की छानबीन की है और आरोपितों से गहन पूछताछ की जा रही है। फर्जी मुआवजे के भूखंडों की फाइलें गायब होने की खबर ने भी जांच को और गंभीर बना दिया है। आरोप है कि यूआईटी के कुछ अधिकारियों ने मिलीभगत कर फर्जी भूखंडों के आधार पर लाखों-करोड़ों रुपए का मुआवजा बांट दिया।
जांच की खबर फैलते ही यूआईटी के कर्मचारियों में खलबली मच गई है। अनेक अधिकारी और बाबू जांच से बचने की कोशिश में हैं, जबकि भू-माफिया भी सकते में आ गए हैं। यूआईटी में मुआवजे की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के ये आरोप भीलवाड़ा के निवासियों के लिए कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन इस बार एसीबी की सक्रियता ने मामला गंभीर बना दिया है।